भोपाल, 2 जुलाई 2024: बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने अपने से संबद्ध 66 कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इन कॉलेजों पर यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार सुविधाएं नहीं होने का आरोप है। डिफॉल्टर घोषित किए गए सभी कॉलेज एमबीए, बीएड और बीपीएड के हैं। इन कॉलेजों में इस सत्र में प्रवेश नहीं होगा।
विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, इन कॉलेजों में शिक्षा के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा था।
बरकतउल्ला विवि ने 66 कॉलेजों को डिफॉल्टर घोषित किया, एडमिशन नहीं दे सकेंगे |
इन कॉलेजों में मिलीं ये खामियां:
- एमबीए कॉलेज के स्थान पर नर्सिंग कॉलेज चल रहा था।
- कई कॉलेजों में छात्र और शिक्षक नहीं मिले।
- एमबीए में छात्रों की संख्या के अनुसार क्लास रूम नहीं थे।
- एक अन्य कॉलेज की लाइब्रेरी में एमबीए संबंधी किताबें नहीं थीं।
- कॉलेज कोड-28 के तहत फैकल्टी नहीं है।
इन कॉलेजों पर होगी कार्रवाई:
- डिफॉल्टर कॉलेजों के छात्रों को अन्य कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा।
- इन कॉलेजों को मापदंड पूरा करने के लिए समय दिया गया है।
- यदि मापदंड पूरे नहीं किए गए तो ईसी की बैठक के बाद इनकी संबद्धता समाप्त की जाएगी।
छात्रों को सतर्कता बरतने की सलाह:
बीयू ने छात्रों को सतर्क किया है कि वे इन डिफॉल्टर कॉलेजों में प्रवेश न लें। विश्वविद्यालय ने इन कॉलेजों की सूची अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी है।
यह कदम क्यों उठाया गया:
बीयू का यह कदम छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। डिफॉल्टर कॉलेजों पर कार्रवाई करके विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी कॉलेज यूजीसी के नियमों का पालन करें और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करें।
यह कदम छात्रों को कैसे प्रभावित करेगा:
डिफॉल्टर कॉलेजों के छात्रों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट होना पड़ेगा। हालांकि, यह कदम लंबे समय में छात्रों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि उन्हें बेहतर शिक्षा प्राप्त होगी।
यह कदम शिक्षा व्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा:
इस कदम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद है। डिफॉल्टर कॉलेजों पर कार्रवाई होने से अन्य कॉलेज भी यूजीसी के नियमों का पालन करने के लिए मजबूर होंगे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त होगी।
निष्कर्ष:
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा डिफॉल्टर कॉलेजों पर कार्रवाई करना एक स्वागत योग्य कदम है। यह कदम छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद करेगा।
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