GST और RERA का रियल एस्टेट पर प्रभाव: क्या ओसी-रेडी प्रोजेक्ट बेहतर विकल्प हैं?

जीएसटी और RERA का रियल एस्टेट पर प्रभाव: क्या ओसी-रेडी प्रोजेक्ट बेहतर विकल्प हैं?

परिचय

2016 में RERA (रियल एस्टेट (विकास और विनियमन) अधिनियम) और 2017 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लागू होने से भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में बड़े बदलाव आए हैं। इन दोनों कानूनों का उद्देश्य इस क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्राहक संरक्षण को बढ़ावा देना था।

जीएसटी और RERA का रियल एस्टेट पर प्रभाव: क्या ओसी-रेडी प्रोजेक्ट बेहतर विकल्प हैं

जीएसटी का प्रभाव

जीएसटी ने रियल एस्टेट पर लगने वाले करों को सरल और पारदर्शी बना दिया है। पहले, डेवलपर्स को विभिन्न प्रकार के करों का भुगतान करना पड़ता था, जैसे कि वैट, सेवा कर और स्थानीय कर। जीएसटी ने इन सभी करों को एक ही कर में बदल दिया है, जिससे डेवलपर्स के लिए करों की गणना और भुगतान करना आसान हो गया है।

इसके अलावा, जीएसटी ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का प्रावधान किया है, जिससे डेवलपर्स को निर्माण सामग्री और सेवाओं की खरीद पर भुगतान किए गए कर का लाभ उठाने में मदद मिलती है। इससे निर्माण लागत कम हो गई है, जिसका लाभ ग्राहकों को कम कीमतों के रूप में मिला है।

RERA का प्रभाव

RERA ने रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए कई नियम और विनियम निर्धारित किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य डेवलपर्स को समय पर परियोजनाओं को पूरा करने और खरीदारों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए सुनिश्चित करना है।

RERA के तहत, डेवलपर्स को परियोजना शुरू करने से पहले प्राधिकरण से पंजीकरण कराना होता है। उन्हें खरीदारों के साथ समझौता पत्र में भी कई विवरणों का खुलासा करना होता है, जैसे कि परियोजना की समयसीमा, सुविधाएं और कीमत।

RERA ने खरीदारों को कई अधिकार भी प्रदान किए हैं, जैसे कि परियोजना में देरी के मामले में हर्जाना पाने का अधिकार और अपूर्ण परियोजना से बाहर निकलने का अधिकार।

ओसी-रेडी प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है

जीएसटी और RERA के लागू होने के बाद, खरीदार ओसी-रेडी (ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट) प्रोजेक्ट्स को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।

ओसी-रेडी प्रोजेक्ट वे प्रोजेक्ट हैं जिन्हें स्थानीय प्राधिकरण द्वारा पूरा करने और रहने योग्य होने का प्रमाण पत्र दिया गया है।

खरीदार ओसी-रेडी प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि:

  • वे कम जोखिम वाले होते हैं: ओसी-रेडी प्रोजेक्ट पहले ही पूरे हो चुके हैं, इसलिए उनके देरी से पूरा होने या अधूरे रहने का जोखिम कम होता है।
  • वे तुरंत कब्जे योग्य होते हैं: खरीदार तुरंत ओसी-रेडी प्रोजेक्ट में जा सकते हैं, जबकि निर्माणाधीन परियोजनाओं में रहने योग्य होने में कई साल लग सकते हैं।
  • वे अधिक पारदर्शी होते हैं: ओसी-रेडी प्रोजेक्टों के लिए, खरीदार परियोजना के सभी पहलुओं, जैसे कि निर्माण की गुणवत्ता और सुविधाओं का निरीक्षण कर सकते हैं, जो उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।

निष्कर्ष

जीएसटी और RERA ने रियल एस्टेट क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। इन कानूनों ने इस क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्राहक संरक्षण को बढ़ाया है।

ओसी-रेडी प्रोजेक्ट खरीदारों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गए हैं क्योंकि वे कम जोखिम वाले, तुरंत कब्जे योग्य और अधिक पारदर्शी होते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जीएसटी और RERA का रियल एस्टेट पर प्रभाव क्षेत्र और परियोजना के अनुसार भिन्न हो सकता है। 

Now you should help us a bit

So friends, how did you like our post! Don't forget to share this with your friends, below Sharing Button Post.  Apart from this, if there is any problem in the middle, then don't hesitate to ask in the Comment box.  If you want, you can send your question to our email Personal Contact Form as well.  We will be happy to assist you. We will keep writing more posts related to this.  So do not forget to bookmark (Ctrl + D) our blog “studytoper.in” on your mobile or computer and subscribe us now to get all posts in your email.

Sharing Request

If you like this post, then do not forget to share it with your friends.  You can help us reach more people by sharing it on social networking sites like whatsapp, Facebook or Twitter.  Thank you !

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.